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अल्मोड़ा दर्शन: मां मानिला और ख्याली राम की जलेबियां !

भगवती मानिला देवी के आशीर्वाद से फले फूले हीरा सिंह राणा और हजारों युवा और युवतियां।

अल्मोड़ा दर्शन: मां मानिला और ख्याली राम की जलेबियां !
भगवती मानिला देवी के आशीर्वाद से फले फूले हीरा सिंह राणा और हजारों युवा और युवतियां।

उत्तराखंड की नैसर्गिक सुंदरता में मानिला क्षेत्र की सुंदरता अद्भुत है – अल्मोड़ा भिक्यासैण को जानने वाले शायद ही मानिला की चर्चा ना करें।

बच्चों की शिक्षा के लिए दशकों पुराना मानिला राजकीय इंटरमीडियट कालेज है और आसपास के गांवों के लिए पूजा पाठ के लिए सिद्धपीठ मां भगवती मानिला का मंदिर है।
मानिला बाजार, शिक्षा, स्वास्थ्य, दैनिक जरूरतों और खेलों – मेलों की मौज मस्ती का पर्याय भी है।

कुमायूं के लोकप्रिय गायक और गीतकार स्वर्गीय हीरा सिंह राणा मानिला क्षेत्र से जुड़े हैं। चीड़ और देवदार के घने जंगलों के बीच मानिला का विस्तार दूर – दूर तक फैला है।

सामने हिमालय के बर्फीली शिखर और मनमोहक वादियां सौंदर्य का अनुपम खजाना है।
मानिला घूमने आने वालों के लिए ख्याली राम की जलेबियां भी बड़ी प्रसिद्ध हैं।

ख्याली राम किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं क्योंकि पिछले पचास वर्षों से उनकी जलेबी खाते हुए कई पीढि़यां बचपन, युवा और बुढ़ापे के दौर में आ चुकी हैं।

लकडि़यों पर जलेबी पकाना आज के दौर में कितना मुश्किल भरा काम है, गैस के युग में जी रहे हम सब वाकिफ हैं।

जलेबियों को कुरकरी रखने में ख्याली राम जी तन्मयता से डूबे रहते हैं और क्वालिटी से समझौता ना करने के लिए टूरिस्ट भी उनकी जलेबी को पहाड़ की सौगात मानकर याद रखते हैं।

https://youtu.be/kdZgYxNZxTo

वीडियो में ख्याली राम जी की दुकान में जुटी बैठक की बातचीत में सब स्पष्ट हो रहा है। अल्मोड़ा के मानिला आने के लिए रामनगर से मार्चुला होकर हरियाली भरा मार्ग आपका इंतजार कर रहा है।
पदचिह्न टाइम्स।

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