खबरसारविविध

अब विधानसभा में 2016 से पहले की सिफारशी नियुक्तियों पर आँच !

 बिना परीक्षा नियुक्त कर्मचारियों को जोर का झटका - स्पीकर मैडम क्या रूख लेंगी।

अब विधानसभा में 2016 से पहले की सिफारशी नियुक्तियों पर आँच !
 बिना परीक्षा नियुक्त कर्मचारियों को जोर का झटका – स्पीकर मैडम क्या रूख लेंगी।

विधानसभा में बैकडोर भर्ती का मामला थमने में नहीं आ रहा है।
स्पीकर श्रीमती ऋतु खंडूडी भूषण पर आधा न्याय करने की चर्चा हटाये गए कर्मचारी लगाते रहे हैं।

सिफारिश और बिना प्रवेश परीक्षा पा गए सैकड़ों कर्मचारियों को कोटिया समिति ने हटाने की सिफारिश की थी।

SMT RITU KHANDURI BHUSHAN SPEAKER

स्पीकर श्रीमती ऋतु खंडूडी ने मुख्यमंत्री धामी से 2016 के बाद की सिफारिशी भर्तियों को

एक झटके में पद मुक्त करवा दिया।

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इन अस्थायी – तदर्थ कर्मचारियों को राहत नहीं मिल पायी।

कुछ बर्खास्त कर्मचारी विधानसभा के बाहर धरना – प्रदर्शन कर पुन: नियुक्ति देने की मांग कर रहे हैं।

स्पीकर खंडूडी के निर्णय से कांग्रेस अब बैकफुट पर है और बर्खास्त कर्मियों के लिए आधेमन से आवाज उठा रही है।

कांग्रेस प्रवक्ता ये भी मांग उठा रहे थे कि 2016 से पहले की सिफारिशी भर्तियों को क्यूं छोड़ दिया

– सरकार ” पिक एंड चूज” पालिसी अपनाये हुए है।

पिछले दिनों स्पीकर मैडम ने उत्तराखंड महा अधिवक्ता से 2016 से पहले की सभी नियुक्तियों पर भी राय मांग ली।

सूत्रों के अनुसार महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने स्पीकर ऋतु खंडूडी को अपनी राय दी है।

इन कर्मचारियों के नियमितीकरण की वैधता से जुड़़ा कोई दस्तावेज उन्हें नहीं मिला है।

2016 से पहले के कर्मचारियों के नियमितीकरण की वैधता पर वो बिना दस्तावेज कोई भी विधिक राय नहीं दे सकते हैं।

अब मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। ऐसे में वे नियमितीकरण की वैधता पर किसी भी तरह की

कोई विधिक राय नहीं दे सकते हैं।

डीके कोटिया की अध्यक्षता वाली समिति ने भी इन कर्मचारियों की नियमितीकरण की वैधता को सही नही ठहराया है।

कोटिया समिति के अनुसार 2000 से लेकर 2022 तक की बैकडोर कर्मचारियों की नियुक्तियां अवैध है।

पदचिह्न टाइम्स।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!